Saturday, 11 March 2017

दिवाली मिट्ठी से बने दियो का प्रयोग करे



सावधान मित्रो दीपावली तो विशेष रूप से दीपों का त्योहार है
मोमबत्ती तमोगुणी और दीप सत्त्वगुणी होता है अतः दिपावली जैसे शुभ दिवस पर मोमबत्ती जलाकर तमोगुण का प्रभाव न बड़ाये|
मोमबत्ती का प्रकाश पाताल को आकृष्ट करनेकी क्षमता रखता है| अतः इसके जलानेसे सूक्ष्म स्तरपर उससे काली शक्ति प्रक्षेपित होती है | उसके जलते समय जो गंध निकलता है वह सातवें पातालके मंत्रिकों को आकृष्ट करनेकी क्षमता रखता है | अतः मोमबत्ती का उपयोग पूर्णत: टालना चाहिए |
शरीर तो मिट्टी से बना है, मिट्टी में विदा हो जाएगा और दिये भी मिट्ठी से बनते है|
मोम पैट्रोलियम से प्राप्त होता है, जो प्राकृतिक नहीं है,
जबकि सरसों का तेल या घी प्राकृतिक है |
पैट्रोलियम आयात होता है, इस से देश को घाटा होता है,
जबकि सरसों भारत के खेतो में बोयी जाती है, इस से किसानो को फायदा होता है|
और कहा भी जाता है; श्रीरामचंद्र के स्वागत व अभिनंदन में अयोध्या वासियों ने दीप जलाए न की मोमबत्ती जलाई|
अतः इस दिवाली मिट्ठी से बने दियो का प्रयोग करे, मोमबत्ती का नहीं

No comments:

Post a Comment