सावधान मित्रो दीपावली तो विशेष रूप से
दीपों का त्योहार है
मोमबत्ती तमोगुणी और दीप सत्त्वगुणी होता
है अतः दिपावली जैसे शुभ दिवस पर मोमबत्ती जलाकर तमोगुण का प्रभाव न बड़ाये|
मोमबत्ती का प्रकाश पाताल को आकृष्ट
करनेकी क्षमता रखता है| अतः इसके जलानेसे सूक्ष्म स्तरपर उससे
काली शक्ति प्रक्षेपित होती है | उसके जलते समय जो गंध निकलता है वह सातवें
पातालके मंत्रिकों को आकृष्ट करनेकी क्षमता रखता है | अतः मोमबत्ती का
उपयोग पूर्णत: टालना चाहिए |
शरीर तो मिट्टी से बना है, मिट्टी
में विदा हो जाएगा और दिये भी मिट्ठी से बनते है|
मोम पैट्रोलियम से प्राप्त होता है, जो
प्राकृतिक नहीं है,
जबकि सरसों का तेल या घी प्राकृतिक है |
पैट्रोलियम आयात होता है, इस
से देश को घाटा होता है,
जबकि सरसों भारत के खेतो में बोयी जाती है, इस
से किसानो को फायदा होता है|
और कहा भी जाता है; श्रीरामचंद्र
के स्वागत व अभिनंदन में अयोध्या वासियों ने दीप जलाए न की मोमबत्ती जलाई|
अतः इस दिवाली मिट्ठी से बने दियो का
प्रयोग करे, मोमबत्ती का नहीं
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