Friday 25 January 2019

रुद्राक्ष

= अगर आपकी जन्मकुंडली में कोई ग्रह खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप उस ग्रह से सम्बंधित " रुद्राक्ष " धारण कर सकते है . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " सूर्य " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " एक मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपकी प्रतिष्ठा , आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी - साथ ही आपके आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " चन्द्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " दो मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन अच्छा रहेगा - तथा मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी -
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= अगर आपकी कुंडली में " मंगल " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " तीन मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपके पुरुषार्थ में बढ़ोतरी होगी - रक्त सम्बंधित बिमारियाँ दूर होंगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " बुध " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " चार मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका दिमाग तेज़ होगा - तथा वाणी में प्रखरता आयेगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " गुरु " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " पांच मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन धार्मिक कार्यो की और अग्रसर होगा - तथा अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलेगी -
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=कुंडली में " शुक्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " छः मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होगा - रहन - सहन का स्तर उत्तम होगा - आर्थिक समृधि होगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " शनि " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " सात मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपको कमर दर्द - शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलेगी - अनावश्यक भय से मुक्ति मिलेगी . . .

Thursday 24 January 2019

छोटे - छोटे उपाय . . .


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= अगर पति - पत्नी में कलह रहता है . . . तो सोने से एक घंटा पहले बेडरूम में एक कपूर की टिकिया जलावे . . ऐसा 43 दिन लगातार करे . . .कलह समाप्त होकर प्रेम में वृद्धि होगी . . .
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= अगर आप की आवाज़ अच्छी नहीं है . . तो आज से ही गाय के दूध में शहद मिलाकर पीना शुरू करे . . .आवाज़ सुरीली हो जायेगी . . .
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= अगर आपको हमेशा तनाव रहता है . . तो प्रतिदिन सूर्योदय काल में 1 घंटा किसी धर्म स्थान के बरामदे में बैठना शुरू कर दे . .
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= अगर आपको बहुत गुस्सा आता है . . तो रात्रि को चांदी के ग्लास में पानी भरकर चांदी की प्लेट से ढककर सिरहाने रखे . . सुबह उठते ही उसे पी ले . . शीघ्र ही गुस्सा शांत होने लगेगा . .
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= अगर आपको सर्दी - जुकाम रहता है . . अस्थमा की शिकायत है . . तो रात्रि सोने से पहले भुनी हुई लौंग चबाकर खाए . . शीघ्र आराम मिलेगा . .
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= अगर आप चाहते है . . कि हमेशा आपका मन प्रसन्न रहे . . तो प्रत्येक सोमवार पारद शिवलिंग पर दूध चढ़ावे . . चन्दन का लेपन करे . .
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= अगर आपकी बहुत मनोकामना है . . और उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है . . तो अपने घर पर " अपराजिता " की बेल लगावे . . प्रतिदिन सुबह अगरबत्ती जलाकर " ॐ महालक्ष्मी वांछितार्थ पूरय पूरय नमः " मन्त्र की एक माला जाप करे . . आपकी मनोकामना पूरी होगी . .
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= अगर आपके व्यवसाय को नज़र लग गयी है तो शुक्रवार रात को पानी में सेंधा नमक घोल ले . . शनिवार सुबह उस पानी से व्यवसायिक स्थल पर पोंछा लगावे . . 11 शनिवार करे . . नज़र दूर हो जायेगी . . .
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= पैसा नहीं बचता है . . इसके लिए शमी के पेड़ की जड़ को लोहे के एक बॉक्स में बंद कर अपने लॉकर में रख लें. . ऐसा करने से आपके जो फालतू के खर्च हो रहे हैं, वो कम हो जाएंगे. और बचत होने लगेगी . धन लाभ भी होने लगेंगे . .
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Wednesday 9 January 2019

वास्तु

= मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्हों जैसे - ऊँ, स्वास्तिक का प्रयोग करना चाहिए . घर में मुख्य द्वार जैसे अन्य द्वार नहीं बनाने चाहिए तथा मुख्य द्वार को फल, पत्र, लता आदि के चित्रों से अलंकृत करना चाहिए . . मुख्य द्वार पर कभी भी वीभत्स चित्र इत्यादि नहीं लगाने चाहिए . .
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= बैठक कक्ष या ड्राइंग रूम : इस कक्ष में फर्नीचर, शो केस तथा अन्य भारी वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम या नैऋत्य में रखनी चाहिए . इस कक्ष में यदि कृत्रिम पानी का फव्वारा या अक्वेरियम रखना हो तो उसे उत्तर-पूर्व कोण में रखना चाहिए . . टीवी दक्षिण-पश्चिम या अग्नि कोण में रखा जा सकता है . . बैठक में ही मृत पूर्वजों के चित्र दक्षिण या पश्चिमी दीवार पर लगाना चाहिए . . इस कक्ष की दीवारों का हल्का नीला, आसमानी, पीला, क्रीम या हरे रंग का होना उत्तम होता है . .
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= शयन कक्ष : शयन कक्ष में कभी भी देवी-देवताओं या पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने चाहिए . . इस कक्ष में पलंग दक्षिणी दीवारों से सटा होना चाहिए . सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए . शयन कक्ष में सोते समय पैर दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए . शयन कक्ष में दर्पण नहीं होना चाहिए, इससे परस्पर कलह होता है . . इस कक्ष की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए . .
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= रसोईघर : रसोई गृह में भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए . बरतन, मसाले, राशन इत्यादि पश्चिम दिशा में रखने चाहिए . .बिजली के उपकरण दक्षिण-पूर्व में रखने चाहिए . जूठे बरतन तथा चूल्हे की स्लैब अलग होनी चाहिए। रसोईघर में दवाइयां नहीं रखनी चाहिए . . रसोईघर में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए . . यह हरा, पीला,क्रीम या गुलाबी रंग का हो सकता है . .
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= पूजाघर : घर में पूजा घर या पूजा का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए . पूजा घर में मूर्तियां या फोटो इस तरह से रखनी चाहिए कि वे आमने-सामने न हों . . मूर्तियां बारह अंगुल से अधिक ऊंची नहीं रखना चाहिए . . पूजा गृह शयन कक्ष में नहीं होना चाहिए . यदि शयनकक्ष में पूजा का स्थान बनाना मजबूरी हो तो वहां पर्दे की व्यवस्था करनी चाहिए . . पूजा गृह हेतु सफेद, हल्का पीला अथवा हल्का गुलाबी रंग शुभ होता है . .
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= स्नानगृह तथा शौचालय : स्नानगृह की आंतरिक व्यवस्था में नल को पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना चाहिए जिससे स्नान के समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो . स्नान घर में वॉश बेसिन ईशान या पूर्व में रखना चाहिए . . गीजर, स्विच बोर्ड आदि अग्नि कोण में होना चाहिए . . बाथटब इस प्रकार हो कि नहाते समय पैर दक्षिण दिशा में न हों . बाथरूम की दिवारों या टाइल्स का रंग हल्का नीला, आसमानी, सफेद या गुलाबी होना चाहिए . . शौचालय में व्यवस्था इस प्रकार हो कि शौच में बैठते समय मुख दक्षिण या पश्चिम में हो . .
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