Tuesday 6 March 2018

जय शनि देव

जय शनि देव - " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः "

 अगर आप " परस्त्री गमन " . . " शराब , तम्बाकू , नशीले पदार्थ " . . " जुआ " . . आदि से दूर रहते है - तो - आपको " शनिदेव " से डरने की जरुरत नहीं . .

 " शनिदेव " . .बारह राशियों में " शनि " का भ्रमण 29 वर्ष 5 माह 17 दिन में पूरा होता है . . .

 जब भी गोचरवश " शनि " आपकी राशि के द्वादश भाव में आते है - आप समझिये - आपकी " साढ़े साती " शुरू हो गयी . . " साढ़े साती " के तीन चरण होते है - प्रत्येक चरण लगभग ढाई वर्ष चलता है . . .

 एक सामान्य मनुष्य के जीवन में तीन बार साढ़े साती आती है . . प्रथम - मस्तक पर चढ़ती हुई . . द्वितीय - ह्रदय पर चढ़ती हुई . . .तृतीय - पाँव पर उतरती हुई . .

 " शनि " . . विशेष तौर पर . . शारीरिक कष्ट , जोड़ो का दर्द , दमा , दरिद्रता , मृत्यु , घुटनों का दर्द , उदर विकार , लकवा , लंगडापन , कोढ़ , अल्सर , बहरापन , पागलपन , गले का रोग , मोच आदि बिभिन्न प्रकार के कष्ट देता है . . .

 " शनि " . . अगर आप शनि के कष्टों से बचना चाहते आइये आज से ही " शनि देव " की अराधना शुरू करे . .

 प्रत्येक शनिवार " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः " . . मंत्र की 1 माला जाप करे . . .

 प्रत्येक शनिवार " सरसों तेल " या " तिल तेल " का दान करे . . .

 शारीरिक कष्ट बहुत बढ़ गये है - तो एक लोहे की कटोरी में सरसों तेल भरकर - उसमे अपना चेहरा देखकर शनिवार को दान करे . . .

 अगर आपको कमर में दर्द रहता है - तो एक शनिवार किसी धर्मस्थान पर " शमी " का पेड़ लगावे - और नियमित उसमे पानी डाले . . .

 शनिवार के दिन काली उरद का दान करे . . " शनि चालीसा " का पाठ करे . .

 शनिवार के दिन काले कुत्ते को इमरती खिलाने से भी शनि का प्रकोप कम होता है . . .

 हर शनिवार रोटी पर सरसों तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाने से दरिद्रता खत्म होकर घर में सुख समृद्धि आती है . .

 एक विशेष बात . . अगर जो व्यक्ति " कन्या संतान " को जन्म देने से पहले गर्भ में ही मार डालता है - उसको " शनिदेव " के प्रकोप से - इस जन्म में तो क्या अगले सात जन्मो में भी किसी भी प्रकार का ज़प , तप , हवन , दान करने के बाद भी नहीं कोई नहीं बचा सकता . . . जो व्यक्ति " कन्या " को जन्म देकर उसका सही लालन - पोषण करता है - उसका " शनिदेव " कुछ भी अशुभ नहीं करते . . .

Thursday 1 March 2018

होली है

होली है = मन को रंगीन बनाती एक और रंगीन सुबह . . .एस्ट्रो रजनीश अग्रवाल .Gold Medalist . की तरफ़ से आप सभी को होली की रंगारंग शुभकामनाये .
 होली विशेष . . केवल हर्बल रंगों से ही खेले होली . .

 घर पर बनाए . . हर्बल रंग . .

 दो छोटे चम्मच लाल चन्दन पावडर को पाँच लीटर पानी में डालकर उबालें . . इसमें बीस लीटर पानी और डालें . . रंग तैयार . .

 अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है . .

 पिसी हुई मेहँदी में चावल का आटा और मैदा मिलाये . . हरा गुलाल तैयार . .

 एक चम्मच हल्दी को दो लीटर पानी में उबाले . . पीला रंग तैयार . .

 पिसे गेरु में आटा . . मैदा . आरारोट मिला ले . . सूखा रंग तैयार . .

 चुकन्दर को घिस लें और इसे एक लीटर पानी में भिगो दें . . बहुत ही अच्छा गुलाबी रंग तैयार हो जाएगा . . गहरे गुलाबी रंग के लिए इसे रातभर भिगोएँ . .

 टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही सुन्दर नारंगी रंग बनाया जा सकता है . .

 तो खेलिये होली . . . हर्बल रंगों से . . घर में रंग बनाने से जो पैसा बचे . . हमारे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दे . .