Tuesday 19 September 2017

माँ के पूजन की सरल विधि

सबसे पहले आसन पर बैठकर जल से तीन बार शुद्ध जल से आचमन करे- ॐ केशवाय नम:, ॐ माधवाय नम:, ॐ नारायणाय नम: फिर हाथ में जल लेकर हाथ धो लें। हाथ में चावल एवं फूल लेकर अंजुरि बांध कर दुर्गा देवी का ध्यान करें। . .

. . आगच्छ त्वं महादेवि। स्थाने चात्र स्थिरा भव।
. . . यावत पूजां करिष्यामि तावत त्वं सन्निधौ भव।।

'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:।' दुर्गादेवी-आवाहयामि! - फूल, चावल चढ़ाएं।
'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:' आसनार्थे पुष्पानी समर्पयामि।- भगवती को आसन दें।
श्री दुर्गादेव्यै नम: पाद्यम, अर्ध्य, आचमन, स्नानार्थ जलं समर्पयामि। - आचमन ग्रहण करें।
श्री दुर्गा देवी दुग्धं समर्पयामि - दूध चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी दही समर्पयामि - दही चढा़एं।
श्री दुर्गा देवी घृत समर्पयामि - घी चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी मधु समर्पयामि - शहद चढा़एं
श्री दुर्गा देवी शर्करा समर्पयामि - शक्कर चढा़एं।
श्री दुर्गा देवी पंचामृत समर्पयामि - पंचामृत चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी गंधोदक समर्पयामि - गंध चढाएं।
श्री दुर्गा देवी शुद्धोदक स्नानम समर्पयामि - जल चढा़एं।
आचमन के लिए जल लें,
श्री दुर्गा देवी वस्त्रम समर्पयामि - वस्त्र, उपवस्त्र चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी सौभाग्य सूत्रम् समर्पयामि-सौभाग्य-सूत्र चढाएं।
श्री दुर्गा-देव्यै पुष्पमालाम समर्पयामि-फूल, फूलमाला, बिल्व पत्र, दुर्वा चढ़ाएं।
श्री दुर्गा-देव्यै नैवेद्यम निवेदयामि-इसके बाद हाथ धोकर भगवती को भोग लगाएं।
श्री दुर्गा देव्यै फलम समर्पयामि- फल चढ़ाएं।
तांबुल (सुपारी, लौंग, इलायची) चढ़ाएं- श्री दुर्गा-देव्यै ताम्बूलं समर्पयामि।
मां दुर्गा देवी की आरती करें . .

Friday 15 September 2017

धनवान बनने के कुछ सिद्ध उपाय :-

यहाँ दरिद्रता दूर करने के कुछ अति सामान्य उपाय दिए जा रहे हैं जिसे कोई भी कर सकता है !
पर यह उपाय वे लोग नहीं कर पाएँगे जिनकी कुंडली में योग नहीं है !
ईश्वर का नाम लेकर शुरू करें यह उपाय और शत प्रतिशत सफल होंगे !
किसी भी शनिवार को घर की हर एक अर्थात सारी बिना मतलब के समान घर से बाहर निकाल दीजिए !
इसके साथ साथ प्रयोग में आ रहे वे समान भी कूड़े में डाल दें जो टूट गये हैं या बिगड़ गये हैं या वे घड़ियाँ जो खराब हों !
सारे बिखरे सामानों को सज़ा कर रखें ! घर को सुगंधित बनाए रखें !
घर में कमल गटटे की माला एकआक्षी नारियल तथा पारद शिवलिंग अवश्य रखें ! तीनों बहुत मँहगे नहीं हैं !
धन की कमीं वाले घरों में टाय्लेट ग़लत दिशा में बने हो सकते हैं ! या बाथरूम गंदे और नल आदि टूटी फूटी होती हैं !
इनको सही कराकर एक काँच के बर्तन में समुद्री नमक के टुकड़े भर कर रखें ! रोज़ समुद्री नमक से पोंछे लगवायें !
दक्षिण पश्चिम के कोने मे पीतल का घड़ा रखें !
अपने पर्स में लाल रंग का कपड़ा रखें ! उत्तर या पूरब की दीवार पर उत्तर पूर्व की ओर शीशा या दर्पण या मिरर लगा दें !
पूर्व की दिशा  में बाँस का पौधा या मुख्य द्वार के दोनों तरफ 6 इंच की बाँस की लकड़ी लटका दें या दुकान से बाँस के पौधे मिलते है यह छोटे छोटे बाँस के हरे रंग के पौधे होते हैं !
लाल अंतः वस्त्र पहनें !
घड़ी दाहिने हाथ में पहनें !
उत्तर दिशा में लाल रंग की पेंटिंग लगायें !
मिट्टी के बर्तन में जौ उगाएं !
उत्तर दिशा में लाल फल जैसे सेब , स्ट्रॉबेरी रसबेरी आदि की बड़ी और आकर्षक तस्वीर लगायें !
लाल रंग के रेशमी कपड़े में कुछ पैसे रखकर अपने बाग या उत्तर पूर्व की जगह रह लें !
कपूर और लौंग के हवन से माँ  लक्ष्मी को प्रसन्न् करें  !

Wednesday 13 September 2017

दुर्गा सप्तशती के पाठ का महत्व



= माँ दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है . . भुवनेश्वरी संहिता में कहा गया है- जिस प्रकार से ''वेद'' अनादि है, उसी प्रकार ''सप्तशती'' भी अनादि है . .

= दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों में देवी-चरित्र का वर्णन है . दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं . . दुर्गा सप्तशती के सभी तेरह अध्याय अलग अलग इच्छित मनोकामना की सहर्ष ही पूर्ति करते है . .

= प्रथम अध्याय: - इसके पाठ से सभी प्रकार की चिंता दूर होती है एवं शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु का भी भय दूर होता है शत्रुओं का नाश होता है . .

= द्वितीय अध्याय:- इसके पाठ से बलवान शत्रु द्वारा घर एवं भूमि पर अधिकार करने एवं किसी भी प्रकार के वाद विवाद आदि में विजय प्राप्त होती है . .

= तृतीय अध्याय: - तृतीय अध्याय के पाठ से युद्ध एवं मुक़दमे में विजय, शत्रुओं से छुटकारा मिलता है . .

= चतुर्थ अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से धन, सुन्दर जीवन साथी एवं माँ की भक्ति की प्राप्ति होती है .

= पंचम अध्याय: - पंचम अध्याय के पाठ से भक्ति मिलती है, भय, बुरे स्वप्नों और भूत प्रेत बाधाओं का निराकरण होता है . .

= छठा अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से समस्त बाधाएं दूर होती है और समस्त मनवाँछित फलो की प्राप्ति होती है . .

= सातवाँ अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से ह्रदय की समस्त कामना अथवा किसी विशेष गुप्त कामना की पूर्ति होती है .

= आठवाँ अध्याय: - अष्टम अध्याय के पाठ से धन लाभ के साथ वशीकरण प्रबल होता है . .

= नौवां अध्याय:- नवम अध्याय के पाठ से खोये हुए की तलाश में सफलता मिलती है, संपत्ति एवं धन का लाभ भी प्राप्त होता है .

= दसवाँ अध्याय:- इस अध्याय के पाठ से गुमशुदा की तलाश होती है, शक्ति और संतान का सुख भी प्राप्त होता है . .,

= ग्यारहवाँ अध्याय:- ग्यारहवें अध्याय के पाठ से किसी भी प्रकार की चिंता से मुक्ति , व्यापार में सफलता एवं सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है .

= बारहवाँ अध्याय:- इस अध्याय के पाठ से रोगो से छुटकारा, निर्भयता की प्राप्ति होती है एवं समाज में मान-सम्मान मिलता है .

= तेरहवां अध्याय:- तेरहवें अध्याय के पाठ से माता की भक्ति एवं सभी इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति होती है . .

= मनुष्य की इच्छाएं अनंत है और इन्ही की पूर्ति के लिए दुर्गा सप्तशती से सुगम और कोई भी मार्ग नहीं है . . इसीलिए नवरात्र में विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों का पाठ करने का विधान है . .
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Friday 8 September 2017

दान

कौन से " दान " से . . क्या प्राप्ति . . ? . .
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= अगर आप " जल " का दान करते है - तो आपको " तृप्ति " मिलेंगी . .
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= अगर आप " अन्न " का दान करते है - तो आपको " अक्षय सुख " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " तिल " का दान करते है - तो आपको उत्तम " संतान " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " दीप " का दान करते है - तो आपको " उत्तम नेत्र " का सुख मिलेगा . .
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= अगर आप " भूमि " का दान करते है - तो आपको समस्त " अभिलाषित पदार्थ " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " घर " का दान करते है - तो आपको " उत्तम घर " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " चांदी " का दान करते है - तो आपको " उत्तम सौन्दर्य " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " स्वर्ण " का दान करते है - तो आपको " दीर्घ आयु " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " दवाई " का दान करते है - तो आपको " आरोग्यता " की प्राप्ति होगी . .
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= अगर आप " परलोक " में अक्षय सुख प्राप्त करना चाहते है - तो आपको अपनी सबसे प्रिय वस्तु का दान करना पडेगा . .
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= दान सिर्फ़ जरुरतमंद को ही करे . . 
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= तो . . फिर शुरू करिये . . " दान " . . करना . . जुड़े रहिये मुझसे . . " एस्ट्रो रजनीश अग्रवाल " . . .
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= " पितृ पक्ष "  अभी दान करने का अच्छा मौका . .

Thursday 7 September 2017

पितृ दोष

= कुंडली में अगर पितृ दोष हो तो करे उपाय . . अभी से . .
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= घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाए . .प्रतिदिन उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करे . . मन में उनकी छवि का ध्यान कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करे . .
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= प्रतिदिन पंचग्रास बनाए . . पंचग्रास अर्थात पितरों के निमित भोजन बनाकर उसके पांच भाग कर लें . . प्रत्येक भाग में जौ और तिल मिलाएं और प्रथम भाग गाय को खिलाएं दूसरा भाग कौए को दें तीसरा भाग बिल्ली को दें चौथा भाग कुत्ते को खिलाएं पांचवां हिस्सा सुनसान स्थान में रखकर आएं . .लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें . घर वापस आने के बाद वृद्ध व्यक्ति को भोजन कराएं . .
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= पितृपक्ष के 15 दिनों तक गाय को घांस खिलाएं और पानी पिलाएं . .
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= प्रतिदिन अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करे . .
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= प्रतिदिन विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्‍भागवत गीता का पाठ करे . .
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= पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं . .
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= प्रतिदिन शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें . .
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= करिये उपाय . . पाइये पितृ दोष से मुक्ति . .

Tuesday 5 September 2017

देवी - देवताओ की परिक्रमा के बारे में . .

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= हमारे हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी - देवताओ की पुजा अर्चना के साथ ही उनकी परिक्रमा का बहुत ही मह्त्व है . . परिक्रमा सदैव दाये हाथ की तरफ़ से प्रारंभ करनी चाहिये . . अर्थात दाहिना अंग देवता की तरफ़ होना चाहिये . .
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= गणेश जी की 3 परिक्रमा . .
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= भगवान शिव की आधी परिक्रमा . .
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= भगवान विष्णु जी की 4 परिक्रमा . .
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= माता जी की 1 और 3 परिक्रमा . .
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= भगवान सुर्य की 7 परिक्रमा . .
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= हनुमान जी की 3 परिक्रमा . .
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= शनिदेव जी की 7 परिक्रमा . .
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= पीपल की 7 परिक्रमा . .
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= जिन देवताओं की परिक्रमा का विधान न मालूम हो . . उनकी 3 परिक्रमा करनी चाहिये . . सोमवती अमावस्या के दिन देवताओं की 108 परिक्रमा करना विशेष फलदायी होता है . . .

Saturday 2 September 2017

नज़र

= " नज़र " आँखों से निकलने वाली एक उर्जा - किसी की आँखों में " प्यार " - " ममता " - " स्नेह " - " अपनापन " = लेकिन किसी की आँखों में " मारक शक्ति " =
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= " नज़र " जब कोई व्यक्ति - अपने सामने किसी व्यक्ति , मकान या किसी वस्तु को " ईर्ष्यावश " या " एकटक " देखे - तो उसकी " नज़र " उस - व्यक्ति , मकान या वस्तु को तुरंत लग जाती है -
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= " नज़र " लग जाये - तो " हनुमान चालीसा " " बजरंग बाण " " राम रक्षा कवच " का नियमित पाठ करे =
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= " नज़र " अगर मकान में लग जाये - तो - गंगाजल में तुलसी के पत्ते और काली मिर्च पीसकर पुरे घर में छिडके =
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= " नज़र " से बचाव के लिए " नज़र सुरक्षा कवच " - मध्यमा अंगुली में " लोहे की अंगूठी " धारण करे =
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= " नज़र " से हर प्रकार की सुरक्षा के लिए " भोलेनाथ " की नियमित अराधना तथा प्रत्येक सोमवार को " ॐ जूं सः " मन्त्र की 5 माला जाप - रुद्राक्ष की माला से अवश्य करे =
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= " नज़र " - जिस घर में नवरात्रि में " दुर्गा सप्तशती " का पाठ होता है - " हवन " होता है - उस घर में " नज़र " नहीं लगती =
= " नज़र " से बचाव के लिए प्रतिदिन सुबह " गुग्गुल " की धुँआ ओर शाम को " नीम " के सूखे पत्ते की धुँआ पुरे घर में दे =

Friday 1 September 2017

MONEY-PROFIT-WEALTH

Gajalakshmi for Wealth and Prosperity
(Gajalakshmi, the ultimate sign for Prosperity in Hinduism. Know how to empower the Gajalakshmi picture by yourself and enjoy Sakala Sowbagyam (all luck) in all your endeavours)
What do you get with the powerful Gajalakshmi?
Sakala Sowbagyam : All Luck in every aspect in our life
Prosperity: Wealth, Profits, Affluence, Abundance, Richness.
Green Signal: Welcome sign for Lakshmi to enter and stay for ever
Filter Bad Omen: Filter Evil spirits, negative thoughts entering our premises Vasthu remedy: Chepest yet powerful remedy for all vasthu problems. 
Do You know: Placing Gajalakshmi in front of our house helps to improve money inflow, diminish the losses, and improve the financial situation. Overall, gajalakshmi helps to improve our wealth and Prosperity. Read more for procedures… [NOTE: Mantra Powered Gajalakshmi Pata for Prosperity taken from pooja after japa performed for 108 days (10008 Gayatri, 10008 Mahalakshmi Gayatri & 100008 Mahalakshmi Moola Mantra).are available for anyone who wish to benefit. Please read below for more details ]
Gajalakshmi-TempleBrief about Gajalakshmi: Every prosperous temples in Tamilnadu invariably have one thing in common. Gajalakshmi Statue on top of the Main entrance and also every where a deity (god) is placed.(Gajalakshmi, is one form of lakshmi, seated on a lotus in Padmasana Yogic Posture, flanked on both side by elephants pouring water, having four hands (each of her upper pair of arms carries a lotus, and the lower hands are generally shown in abhya and varadamudra). This aspect of Lakshmi is representation of prosperity, good luck, abundance, Vasthu, Filter and Noble sign. and the Gajalakshmi motifs are very common in Hindu and Buddhist Temples)
How to empower the Gajalakshmi Pata (Photo)with mantras?
(You can empower the Gajalakshmi yourself with necessary mantras as given below)
Buy a Gajalakshmi (lakshmi with 2 elephants on the sides) Picture from near by shop and keep it in the pooja.
Do the following continuosly for 108 days to make the Gajalakshmi powerful.
1. Chant Gayatri Mantra 108 times:
Om bhur bhuvah Svahtat savitur varenyambhargo devasya dhimahidhiyo yo nah prochodayat(While Bathing with water cleans our outer body, Gayatri mantra cleans the inner part i.e., mind.) : (Time :10 min.)
2. Chant Mahalakshmi Gayatri 108 times
Om Mahadevyaicha Vidhmahe
Vishnu Pathniyaicha Dheemahe
Thanno Lakshmi Prachodayath.
(time taken : 10 min.)
3. Recite Mahalakshmi Moola Mantra 1008 times
Om Sreem Hreem Sreem Kamale Kamalalaye Prasida Prasida Sakala Sowbhagyam Dehi Dehi Om Sreem Hreem Sreem Om Maha Lakshmiyai Namah:(time taken : 100 min.) (Total 2 hours daily for 108 days)
(We add the second sentence Sakala Sowbhagyam Dehi Dehi which means requesting Goddess Lakshmi to give all luck: sakala-all; Sowbagyam-luck; dehi-give;)(Why 1008 japa: As per shastra, for siddhi (to attain), we need to do japas in Lakhs. So we insist all to do any japa minimum 1008 times for 108 days to complete atleast 1 lakh japas)
(We chant mantras with Gajalakshmi and offer it to those who need it. The procedure and the cost to get the powered gajalakshmi is given at the bottom)
After powering the Gajalakshmi, what to be done?
Only Powering Gajalakshmi may take hours. Once powered, we can use the Gajalakshmi forever and get all luck in simple steps.
It just takes 5 minutes every week. So simple. Procedure given below.

Step 1 Place the Gajalakshmi Photo (Pata) on top of the main door (facing outside)
Step 2. Every Friday (and ausipicious-festival days), clean (or wipe) the Gajalakshmi Photo with water. Apply Turmeric/Kumkum/Sandal on Gajalakshmi and keep some flower on top.
Step 3: Also clean or wipe the main door frame and all our door frames (rooms) with a wet cloth. Apply Kumkum/Turmeric/Sandal on the door frames too.
Step 4: Show Aarathi, Dhoop etc to Gajalakshmi and the door frames (both main and each room).