Wednesday 29 November 2017

कौन सा ग्रह खराब है

= आपकी समस्या और आपकी बुरी आदतें बताती हैं . . कि आपका कौन सा ग्रह खराब है . . 
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= सामाजिक अपयश, पिता के साथ कलह या वैचारिक मतभेद, आंख, हृदय का कोई रोग होना . आत्मा को दुःख होना . . .  जीवन में असंतुष्ट रहना और मुंह में बार-बार बलगम का इकट्ठा होना . .अर्थात आपका सूर्य पीड़ित है . . 
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= मन अत्याधिक चंचल हो .. हर समय मानसिक तनाव और कोई चिंता रहती है . .जुकाम हर समय बना रहे . पालतू दुधारू पशु की मृत्यु हो जाना, माता को कष्ट होना, मन में बार-बार आत्महत्या करने के विचारों का जन्म लेना . अर्थात आपका चंद्रमा पीड़ित है . . 
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= कोई ना कोई दुर्घटना होना, घर के बिजली के समान जल्दी खराब हो जाना, विशेषकर जिस कमरे में व्यक्ति रहता है वहां मौजूद बिजली के उपकरणों का कम समय में ही खराब हो जाना, रक्त विकार .  भाई से विवाद और अत्याधिक क्रोध जैसी स्थिति जन्म लेती है . .अर्थात आपका मंगल पीड़ित है . .
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= व्यापार और स्वास्थ्य का खराब होना . दांत का हमेशा कमजोर रहना .   सूंघने की शक्ति कम हो जाना . . और एक समय के बाद उसे गुप्त रोग होने की संभावना होना . . अर्थात आपका बुध पीड़ित है . .
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= अगर किसी विद्यार्थी को पढ़ाई में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, किसी के असमय बाल झड़ने शुरू हो गए हैं, अपमान का शिकार होना पड़ रहा है, व्यापार की स्थिति बदतर होती जा रही है, घर में कलह का माहौल बन गया है . .अर्थात आपका गुरु पीड़ित है . .
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= मन में भटकाव . .  अपने हाथ से धन का नाश .  .  चर्म रोग और स्वप्न दोष  . . उत्तम वाहन लेने में अवरोध . . अर्थात आपका शुक्र पीड़ित है . . 
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= मकान का कोई हिस्सा गिर गया है या टूट गया है . . वाहन से दुर्घटना या धड़ के निचले हिस्से . विशेषकर जांघों के हिस्से में परेशानी  . . कमर दर्द  . . अर्थात आपका शनि पीड़ित है . .
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= शक संदेह करना . . मानसिक परेशानियां . . आपसी तालमेल में रुकावट, बात-बात पर क्रोधित हो जाना .  गुस्से एवं अपशब्द या गाली-गलौज करना . . हाथ के नाखून टूटने लगना .दिमागी संतुलन बिगड़ जाना .पेट से संबंधित परेशानियां . .अर्थात आपका राहु पीड़ित है . .
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= आर्थिक नुकसान के साथ-साथ चर्म रोग भी होना .  खुद अपने लिए ही गलत धारण बना लेना . . अर्थात आपका केतु पीड़ित है . .
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= करिये अपने पीड़ित ग्रहो का इलाज़  . .

Wednesday 1 November 2017

मंगल ग्रह

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= ज्योतिष में मंगल को सेनापति का दर्जा दिया गया है . .मंगल को भुमिपुत्र भी कहा जाता है . .

= मंगल ग्रह के अराध्य देव हनुमान जी है . . और इसका रत्न मूंगा है . .
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= मंगल मकर राशि में उच्च का और कर्क राशि में नीच का होता है . .
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= अगर आपकी कुण्डली में मंगल 1 . . 4 . . 7 . . 8 और 12 वे घर में बैठा है . . तो आप माँगलिक है . .
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= अगर आपकी कुण्डली में मंगल नीच का या खराब स्थिति में है. . तो . .मुफ्त में किसी से कुछ न ले . .
= मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को कुछ न कुछ खाने के लिए दे . .
= हनुमान चालीसा का पाठ करे . . " ऊँ भौ भौमाय नम:" मंत्र की एक माला जाप लाल चंदन की माला से करे . .
= भाई से सम्बन्ध अच्छे रखे . .
= मंगल की वस्तुओं का दान अर्थात सभी लाल रंग की वस्तुएं, गुड्, लाल फूल, गेहूं, लाल मसूर की दाल का दान अवश्य करे . .
= मंगल यंत्र तांबे में बनबा कर शुभ मुहूर्त में धारण करे . .
= नारियल में सिदुर का तिलक लगाकर 7 मंगलवार नदी में प्रवाहित करे . .
= मंगलवार को भूमि पर शयन करे . . झूठ बोलने से बचे . .
= मेहमानों और " एस्ट्रो रजनीश अग्रवाल " को उत्तम किस्म की मिठाई जरूर खिलावे . .

शंख

शंख " की ध्वनि . .
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= " शंख " . . . हमारे प्यारे " भारत " में पूजा और सभी प्रकार के अनुष्ठानो में शंखनाद करना अनिवार्य है . . . आज चर्चा . . इसी पर . . .
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= " शंखनाद " . . चाहे सत्यनारायण भगवान् की कथा हो या दीपावली का पूजन . . . यहाँ तक की . . बंगाल , असाम और उड़ीसा में तो विवाह संस्कार में भी " शंख - नाद " करना अनिवार्य है . . .
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= अगर वैदिक मान्यताओं की बात की जाये - तो - " शंख " को बजाना - विजय का प्रतीक है . . .
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= " शंख - नाद " करने से " प्राणायाम " के लाभ भी मिलते है . . . .
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= अगर वैज्ञानिकों की बात की जाये - तो - उनके अनुसार भी - " शंख - नाद " से वायु मंडल के वो सूक्ष्म विषाणु नष्ट हो जाते है - जो मानव जाति के लिए घातक होते है . . .
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= " शंख - नाद " करने से अगर आपकी आवाज़ में हकलाहट है - तो वह भी दूर हो ज़ाती है - सर्दी - जुकाम तो बिना दवाई के ही दूर हो जाती है . . .
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= " शंख - नाद " करने से आँखें दूर - दूर तक देखने लग जाती है - तथा अगर आपका दिल उदास रहता है - तो शंख - नाद आपके दिल में नया जोश भी भरता है . . .
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= " शंख - नाद " अगर प्रातः काल किया जाये - तो पुरे शरीर में सकारात्मक तरंगो का प्रवाह होता है - अगर " शंख - नाद " शाम को किया जाये - तो - दिन भर की थकान - पूर्णतया गायब हो जाती है . .
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= " शंख - नाद " = 15 वर्ष के ऊपर के लोगो को ही करना चाहिए - तथा " श्वांस - दमा - अस्थमा - ह्रदय रोगियों को शंख बजाना वर्जित है . . .
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= पूजा स्थल पर कभी दो शंख न रखे - शंख को कभी भूमि पर नहीं रखना चाहिए . . .
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