Wednesday 28 September 2016

श्राद्ध कर्म एकादशी के दिन वर्जित



*Զधे Զधे*
*श्राद्ध कर्म एकादशी के दिन वर्जित*
श्रील जीव गोस्वामी ने अनेक शास्त्रों से उद्धरण दिये हैं जिनमें कहा गया है कि पितरों को एकादशी तिथि को श्राद्ध की आहुतियाँ नहीं दी जानी चाहिए। जब मृत्यु तिथि एकादशी को हो तो श्राद्ध कर्म एकादशी के दिन नहीं, अपितु अगले दिन द्वादशी को करना चाहिए। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है
*ये कुर्वन्ति महीपाल श्राद्धं चैकादशी-दिने।*
*त्रयस्ते नरकं यान्ति दाता भोक्ता च प्रेरकः॥*
यदि कोई अपने पुरखों की श्राद्ध की आहुतियाँ एकादशी तिथि को देता है, तो श्राद्धकर्ता एवं वे पुरखे जिनके लिए श्राद्ध किया जाता है तथा पुरोहित तीनों नरकगामी होते हैं।
 स्रोत :श्रीमद्-भागवतम्, सप्तम् स्कन्ध(भागवतम् सन्देश)
सौ: श्रीराधारमण दासी परिकर
      *जय गौर हरि*

Sunday 10 July 2016

रात को तकिए के पास रखें ये सामान,दिलाएगा आपको सुकून और आराम


सुबह की भाग-दौड़ से थका-हारा व्यक्ति जब रात को नींद के आगोश में जाने के लिए बिस्तर पर लेटता है तो उसे नींद नहीं आती, कई बार अनजाना डर सताता है या फिर बुरे सपनों का भय उसकी नींद में खलल पैदा करता है। ज्योतिष, वास्तु और मान्यता के अनुसार कुछ उपाय हैं जो करने से बहुत से लाभ प्राप्त हो सकते हैं।

बुरे सपनों के भय से बचने के लिए तकिए के पास सौंफ की पोटली बनाकर रखें।

शुभ फलों की प्राप्ति के लिए दक्षिण दिशा में सिर और पांव उत्तर दिशा में होने चाहिए।

सोने से पूर्व धार्मिक ग्रंथ और अपने इष्ट का स्मरण करना चाहिए। मान्यता है की जब रात को सोते हैं तो जितने भी श्वास लिए जाते हैं वह प्रभु चरणों में अर्पित हो जाते हैं। रात को नींद खुलने पर भी अपने इष्ट का स्मरण अथवा महामंत्र का जाप करते रहना चाहिए।

तांबे के बर्तन में तकिए के पास पानी भरकर रखें, सुबह किसी पौधे में उसे डाल दें।

तकिए के पास जूते-चप्प्ल, कूड़ेदान अथवा झाड़ू न रखें। इससे नकारात्मकता बढ़ती है।

बाल बांध कर सोएं, तकिए पर बाल बिखेर कर नहीं सोना चाहिए।

सकारात्मक विचारों के साथ नींद के आगोश में जाएं।

तकिये का आवरण साफ एवं स्वच्छ होना चाहिए।

पैर धो कर सोना चाहिए।

बिस्तर साफ करके सोना चाहिए। गंदा बिस्तर नींद में बाधा पैदा करता है और नेगेटिविटी को बढ़ावा देता है।

तकिए के नीचे हनुमान चालीसा अथवा लोहे का चाकू रखकर सोने से डर नहीं लगता।