Tuesday, 13 June 2017

नज़र

= प्रणाम = जैसे ही ऑफिस में कदम रखा - सामने टंगे हुए - नींबू - मिर्च पर नज़र गयी . . . आज चर्चा इसी पर . . .
.
= हमेशा हम लोग यह देखते है . . कि चलते - चलते कोई दूकान एकाएक ठप हो जाती है - ऐसे लगता है - किसी की नज़र लग गयी -
.
= हमारे समाज में ऐसा भी माना जाता है - कि किसी ने टोना - टोटका करवा दिया है . . . .
.
= " नज़र " . . . यह तो सही है - कि " नज़र - दोष " होता है . .
.
= प्राचीन ग्रंथो में भी " नज़र - दोष " के वारे में बहुत कुछ बताया गया है -
.
= अपने ऑफिस - दूकान को " नज़र - दोष " से बचाने के लिए . . . एक काले धागे में सबसे पहले एक काला कपड़ा - फिर एक नींबू - फिर सात हरी मिर्च पिरो ले . . शनिवार के दिन - अगरबत्ती दिखाकर दूकान के मेन गेट के पास टांग दे . .ताकि आने वाले सभी लोगो कि नज़र उस पर पड़े . . .
.
= अगले शनिवार को इसको उतारकर रास्ते के बीच में फेंक देवे . . तथा नया नींबू - हरी मिर्च टांग देवे . . .
.
= नींबू - हरी मिर्च - दूकान में सकारात्मक उर्जा के संचार को बढाता है . . दूकान से नकारात्मक उर्जा समाप्त हो जाती है . . .
.
= नींबू - हरी मिर्च - दूकान में " अलक्ष्मी " अर्थात दरिद्रता - जो कि " माता लक्ष्मी " की ही बहन है - को ठहरने नहीं देता . . .
.
= नींबू - हरी मिर्च - द्वार पर लटकाने से " अलक्ष्मी " इनका भक्षण कर वापस चली जाती है - क्योंकि " अलक्ष्मी " को खट्टी - और तीखी चीज़े पसंद है . . .
.
= अगर आपके ऑफिस या दूकान के साथ - साथ आपको भी नज़र लग गयी है - तो आपको डरने की जरुरत नहीं - एक नींबू लीजिये - चौराहे पर जाइए - अपने शरीर से सात बार घुमाइए - उसके चार टुकड़े करिये - चारो दिशाओ में फेकिये - और बिना पीछे देखे घर बापस आ जाइए . .

No comments:

Post a Comment