" शंख " . . समुन्द्र मंथन से निकले चौदह नवरत्नों में से
एक रत्न . . क्योंकि शंख . . माँ लक्ष्मी के साथ ही निकला था . . अतः शंख
को माँ लक्ष्मी का भ्राता { भाई } कहा जाता है . .
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शंख . . अनेको प्रकार के होते है . . लेकिन मुख्य है . . वामवर्ती शंख . .
दक्षिणावर्ती शंख . . मोती शंख . . गणेश शंख . . टाइगर शंख . . विष्णु शंख
. . अन्नपूर्णा शंख आदि . .
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वामवर्ती शंख . . ये शंख आरती . . मांगलिक कार्यों में बजाने के काम आता
है . . इसको बजाने से वायु मंडल के वो सूक्ष्म विषाणु नष्ट हो जाते है - जो
मानव जाति के लिए घातक होते है . . इसको बजाने से अगर आपकी आवाज़ में
हकलाहट है - तो वह भी दूर हो ज़ाती है - सर्दी - जुकाम तो बिना दवाई के ही
दूर हो जाती है . .
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दक्षिणावर्ती शंख . . जिस घर में ये शंख है . . उस घर में माँ लक्ष्मी का
स्थाई वास रहता है . . . दरिद्रता कोसों दूर रहती है . . इसमे जल भरकर "
श्री सूक्त " का पाठ करके उस जल को दुकान - आफिस मेंछिड़कने से ब्यापार में
बढ़ोतरी होती है = तथा इससे घर की नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है = तथा
इसमे जल भरकर निम्न मन्त्र का जप करके इस जल को पीने से - हृदय और
श्वाससंबधित रोगों से मुक्ति मिलती है --- "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय
नमः " . .
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= मोती शंख . . यह
शंख मोती के समान सफ़ेद और चमकदार होता है . . यह ज्यादातर कैलाश मानसरोवर
में पाया जाता है . . इस शंख में गंगाजल रखने के चार घंटे बाद पिया जाए तो
ह्रदय रोगों से मुक्ति मिलती है . .
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