सबसे पहले आसन पर बैठकर जल से तीन बार शुद्ध जल से आचमन
करे- ॐ केशवाय नम:, ॐ माधवाय नम:, ॐ नारायणाय नम: फिर हाथ में जल लेकर हाथ
धो लें। हाथ में चावल एवं फूल लेकर अंजुरि बांध कर दुर्गा देवी का ध्यान
करें। . .
. . आगच्छ त्वं महादेवि। स्थाने चात्र स्थिरा भव।
. . . यावत पूजां करिष्यामि तावत त्वं सन्निधौ भव।।
'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:।' दुर्गादेवी-आवाहयामि! - फूल, चावल चढ़ाएं।
'श्री जगदम्बे दुर्गा देव्यै नम:' आसनार्थे पुष्पानी समर्पयामि।- भगवती को आसन दें।
श्री दुर्गादेव्यै नम: पाद्यम, अर्ध्य, आचमन, स्नानार्थ जलं समर्पयामि। - आचमन ग्रहण करें।
श्री दुर्गा देवी दुग्धं समर्पयामि - दूध चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी दही समर्पयामि - दही चढा़एं।
श्री दुर्गा देवी घृत समर्पयामि - घी चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी मधु समर्पयामि - शहद चढा़एं
श्री दुर्गा देवी शर्करा समर्पयामि - शक्कर चढा़एं।
श्री दुर्गा देवी पंचामृत समर्पयामि - पंचामृत चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी गंधोदक समर्पयामि - गंध चढाएं।
श्री दुर्गा देवी शुद्धोदक स्नानम समर्पयामि - जल चढा़एं।
आचमन के लिए जल लें,
श्री दुर्गा देवी वस्त्रम समर्पयामि - वस्त्र, उपवस्त्र चढ़ाएं।
श्री दुर्गा देवी सौभाग्य सूत्रम् समर्पयामि-सौभाग्य-सूत्र चढाएं।
श्री दुर्गा-देव्यै पुष्पमालाम समर्पयामि-फूल, फूलमाला, बिल्व पत्र, दुर्वा चढ़ाएं।
श्री दुर्गा-देव्यै नैवेद्यम निवेदयामि-इसके बाद हाथ धोकर भगवती को भोग लगाएं।
श्री दुर्गा देव्यै फलम समर्पयामि- फल चढ़ाएं।
तांबुल (सुपारी, लौंग, इलायची) चढ़ाएं- श्री दुर्गा-देव्यै ताम्बूलं समर्पयामि।
मां दुर्गा देवी की आरती करें . .
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