सनातन धर्म का सबसे बड़ा अपमान आज
शादी विवाह में हो रहा है
विवाह में तीन साक्षी अनिवार्य
माने गए हे. अग्नि- ब्राह्मण और सूर्य.
इनमे से एक भी साक्षी की
अनुपस्थिति विवाह को कनिष्ठ सिद्ध करती हे. कर्मकाण्डी आचार्यो को ज्ञात ही
होगा...
रात के दो या तीन बजे ..शादी के
फेरे लगवाना ......
ऐसा धर्मद्रोही कार्य, केवल
पेटपुजारी निर्लज्ज कर सकता हैं ....
पिशाच समय के फेरे लगवाना .....ये
कौन से शास्त्र में लिखा हैं ....?
दिन में यज्ञ हो सके, रात में तो
वेद मंत्र बोलना भी निषेध है, रात में तो भुत-प्रेत पूजा होती है ।
मुग़ल काल में मुगलों के डर से
हिन्दू छुप कर रात में विवाह करते थे, वोही आज भी हो रहा है ।
अब हम गुलाम नहीं तो अपनी असली
संस्कृति को अपनाये ।
सिख आज भी दिनमे ही विवाह करते है ।
एक तरफ यज्ञ की पवित्र अग्नि और
दूसरी तरफ मॉस मदिरा, ऐसे में कोई निर्लज्ज ब्राह्मण ही यज्ञ करके विवाह संपन करवा
सकता है, असली ब्राह्मण तो वहा एक पल न रुके ।
जब ब्राह्मण ही नकली तो विवाह
कैसा?
राधे राधे
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