जय शनि देव - " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः "
अगर आप " परस्त्री गमन " . . " शराब , तम्बाकू , नशीले पदार्थ " . . " जुआ
" . . आदि से दूर रहते है - तो - आपको " शनिदेव " से डरने की जरुरत नहीं .
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" शनिदेव " . .बारह राशियों में " शनि " का भ्रमण 29 वर्ष 5 माह 17 दिन में पूरा होता है . . .
जब भी गोचरवश " शनि " आपकी राशि के द्वादश भाव में आते है - आप समझिये -
आपकी " साढ़े साती " शुरू हो गयी . . " साढ़े साती " के तीन चरण होते है -
प्रत्येक चरण लगभग ढाई वर्ष चलता है . . .
एक सामान्य मनुष्य के जीवन में तीन बार साढ़े साती आती है . . प्रथम -
मस्तक पर चढ़ती हुई . . द्वितीय - ह्रदय पर चढ़ती हुई . . .तृतीय - पाँव पर
उतरती हुई . .
" शनि " . .
विशेष तौर पर . . शारीरिक कष्ट , जोड़ो का दर्द , दमा , दरिद्रता , मृत्यु
, घुटनों का दर्द , उदर विकार , लकवा , लंगडापन , कोढ़ , अल्सर , बहरापन ,
पागलपन , गले का रोग , मोच आदि बिभिन्न प्रकार के कष्ट देता है . . .
" शनि " . . अगर आप शनि के कष्टों से बचना चाहते आइये आज से ही " शनि देव " की अराधना शुरू करे . .
प्रत्येक शनिवार " ॐ खां खीं खों सः शनये नमः " . . मंत्र की 1 माला जाप करे . . .
प्रत्येक शनिवार " सरसों तेल " या " तिल तेल " का दान करे . . .
शारीरिक कष्ट बहुत बढ़ गये है - तो एक लोहे की कटोरी में सरसों तेल भरकर - उसमे अपना चेहरा देखकर शनिवार को दान करे . . .
अगर आपको कमर में दर्द रहता है - तो एक शनिवार किसी धर्मस्थान पर " शमी " का पेड़ लगावे - और नियमित उसमे पानी डाले . . .
शनिवार के दिन काली उरद का दान करे . . " शनि चालीसा " का पाठ करे . .
शनिवार के दिन काले कुत्ते को इमरती खिलाने से भी शनि का प्रकोप कम होता है . . .
हर शनिवार रोटी पर सरसों तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाने से दरिद्रता खत्म होकर घर में सुख समृद्धि आती है . .
एक विशेष बात . . अगर जो व्यक्ति " कन्या संतान " को जन्म देने से पहले
गर्भ में ही मार डालता है - उसको " शनिदेव " के प्रकोप से - इस जन्म में तो
क्या अगले सात जन्मो में भी किसी भी प्रकार का ज़प , तप , हवन , दान करने
के बाद भी नहीं कोई नहीं बचा सकता . . . जो व्यक्ति " कन्या " को जन्म देकर
उसका सही लालन - पोषण करता है - उसका " शनिदेव " कुछ भी अशुभ नहीं करते . .
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