Wednesday, 1 November 2017

शंख

शंख " की ध्वनि . .
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= " शंख " . . . हमारे प्यारे " भारत " में पूजा और सभी प्रकार के अनुष्ठानो में शंखनाद करना अनिवार्य है . . . आज चर्चा . . इसी पर . . .
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= " शंखनाद " . . चाहे सत्यनारायण भगवान् की कथा हो या दीपावली का पूजन . . . यहाँ तक की . . बंगाल , असाम और उड़ीसा में तो विवाह संस्कार में भी " शंख - नाद " करना अनिवार्य है . . .
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= अगर वैदिक मान्यताओं की बात की जाये - तो - " शंख " को बजाना - विजय का प्रतीक है . . .
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= " शंख - नाद " करने से " प्राणायाम " के लाभ भी मिलते है . . . .
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= अगर वैज्ञानिकों की बात की जाये - तो - उनके अनुसार भी - " शंख - नाद " से वायु मंडल के वो सूक्ष्म विषाणु नष्ट हो जाते है - जो मानव जाति के लिए घातक होते है . . .
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= " शंख - नाद " करने से अगर आपकी आवाज़ में हकलाहट है - तो वह भी दूर हो ज़ाती है - सर्दी - जुकाम तो बिना दवाई के ही दूर हो जाती है . . .
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= " शंख - नाद " करने से आँखें दूर - दूर तक देखने लग जाती है - तथा अगर आपका दिल उदास रहता है - तो शंख - नाद आपके दिल में नया जोश भी भरता है . . .
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= " शंख - नाद " अगर प्रातः काल किया जाये - तो पुरे शरीर में सकारात्मक तरंगो का प्रवाह होता है - अगर " शंख - नाद " शाम को किया जाये - तो - दिन भर की थकान - पूर्णतया गायब हो जाती है . .
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= " शंख - नाद " = 15 वर्ष के ऊपर के लोगो को ही करना चाहिए - तथा " श्वांस - दमा - अस्थमा - ह्रदय रोगियों को शंख बजाना वर्जित है . . .
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= पूजा स्थल पर कभी दो शंख न रखे - शंख को कभी भूमि पर नहीं रखना चाहिए . . .
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