1.मान-सम्मान,
प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाली पूजा,उपाय / टोटकों के
लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।
2.गुरु
ग्रह को सौभाग्य, सम्मान और समृद्धि नियत करने वाला माना गया है।शास्त्रों
में यश व सफलता के इच्छुक हर इंसान के लिये गुरु ग्रह दोष शांति का एक
बहुत ही सरल उपाय बताया गया है।यह उपाय औषधीय स्नान के रूप में प्रसिद्ध है
इसे हर इंसान दिन की शुरुआत में नहाते वक्त कर सकता है। नहाते वक्त नीचे
लिखी चीजों में से थोड़ी मात्रा में कोई भी एक चीज जल में डालकर नहाने से
गुरु दोष शांति होती है और व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति
होती है । -
गुड़, सोने की कोई वस्तु ,हल्दी, शहद, शक्कर, नमक, मुलेठी, पीले फूल, सरसों।
3.समाज
में उचित मान सम्मान प्राप्ति के लिए रात में सोते समय सिरहाने ताम्बे के
बर्तन में जल भर कर उसमें थोड़ा शहद के साथ कोई भी सोने /चाँदी का सिक्का
या अंगूठी रख लें फिर सुबह उठकर प्रभु का स्मरण करने के बाद सबसे पहले बिना
कुल्ला किये उस जल को पी लें ...जल्दी ही आपकी यश ,कीर्ति बड़ने लगेगी ।
4.रात
को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख लें, सुबह
वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती, मिथ्या लांछन
आदि से सदैव बचाव होता रहेगा ।
5.दुर्गा
सप्तशती के द्वादश (12 वें ) अध्याय के नियमित पाठ करने से व्यक्ति को
समाज में मान सम्मान और मनवांछित लाभ की प्राप्ति होती है ।
6.समाज
में मान सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों/चिड़ियों को चावल-बाजरा
मिश्रित कर के डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू
करें।
7.अपने बच्चे के
दूध का प्रथम दाँत संभाल कर रखे, इसे चाँदी के यंत्र में रखकर गले या
दाहिनी भुजा में धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान सम्मान की प्राप्ति
होती है।
8.यदि आप चाहते
हैं कि आपके कार्यों की सर्वत्र सराहना हो, लोग आपका सम्मान करें, आपकी यश
कीर्ति बड़े तो रात को सोने से पूर्व अपने सिरहाने तांबे के बर्तन में जल
भरकर रखें और प्रात:काल इस जल को अपने ऊपर से सात बार उसार करके किसी भी
कांटे वाले पेड़ की जड़ में डाल दें। ऐसा नियमित 40 दिन तक करने से आपको
अवश्य ही लाभ मिलेगा।
9.ज्येष्ठा
नक्षत्र में जामुन के वृक्ष की जड़ लाकर अपने पास संभल कर रखने से उस
व्यक्ति को समाज से / प्रसाशन से अवश्य ही मान सम्मान की प्राप्ति होती है
।
10.गले, हाथ या पैर में
काले डोरे को पहनने से व्यक्ति को समाज में सरलता से मान सम्मान की
प्राप्ति होती है, उसे हर क्षेत्र में विजय मिलती है।
11.शास्त्रों में लिखा गया है कि -
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।
चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्।।
इसका
सरल शब्दों में मतलब है कि जो व्यक्ति हर रोज अपने बड़े-बुजुर्गों के
सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर उनकी सेवा करता है। उसकी उम्र,
विद्या,ज्ञान यश और शक्ति लगातार बढ़ती जाती है।
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