= अगर आपकी जन्मकुंडली में कोई ग्रह खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप उस ग्रह से सम्बंधित " रुद्राक्ष " धारण कर सकते है . . .
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अगर आपकी कुंडली में " सूर्य " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " एक
मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपकी प्रतिष्ठा , आत्मविश्वास
में बढ़ोतरी होगी - साथ ही आपके आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी . . .
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अगर आपकी कुंडली में " चन्द्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप "
दो मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन अच्छा रहेगा - तथा
मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी -
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अगर आपकी कुंडली में " मंगल " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " तीन
मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपके पुरुषार्थ में बढ़ोतरी
होगी - रक्त सम्बंधित बिमारियाँ दूर होंगी . . .
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अगर आपकी कुंडली में " बुध " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " चार
मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका दिमाग तेज़ होगा - तथा वाणी
में प्रखरता आयेगी . . .
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अगर आपकी कुंडली में " गुरु " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " पांच
मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन धार्मिक कार्यो की और
अग्रसर होगा - तथा अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलेगी -
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=कुंडली
में " शुक्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " छः मुखी रुद्राक्ष "
धारण कर सकते है - जिससे आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होगा - रहन - सहन का
स्तर उत्तम होगा - आर्थिक समृधि होगी . . .
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अगर आपकी कुंडली में " शनि " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " सात
मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपको कमर दर्द - शारीरिक पीड़ा
से मुक्ति मिलेगी - अनावश्यक भय से मुक्ति मिलेगी . . .