Thursday 14 March 2019

होली है .. तो बातें होली की ही

यदि कोई व्यक्ति आपका धन लेकर वापस नहीं कर रहा है तो एक अनार की लकड़ी पर उस आदमी का नाम लिखकर उसके ऊपर हरा गुलाल डालकर होलिका में डाल दें और धन वापस पाने की होलिका माता से प्रार्थना करें आपका धन अतिशीघ्र वापस मिल जाएगा . .
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 यदि आपको बार बार आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है और धन की कमी होती रहती है तो होलिका दहन की शाम को आप अपने घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़ककर आटे का दो मुखी दीपक बनाकर जलाना चाहिए इस दीपक को जलाने से आर्थिक हानि दूर हो जाती है . .
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अगर आपके पति दूसरी औरत के वश में है तो होलिका दहन के दिन होलिका में सात गोमती चक्र लेकर सात बार प्रक्रिमा करें और प्रत्येक परिक्रमा में एक एक गोमती चक्र अपने पति का नाम लेते हुए डाल दें आपके पति आपके वश में हो जाएंगे और दूसरी औरत का परित्याग कर देंगे . .
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 किसी को भी वशीकरण करने के लिए आप होलिका की भस्म में अभिमंत्रित काली हल्दी में मिला लें और इसे चांदी की डिब्बी में डाल दें . . जब भी आप घर से बाहर जाएं इसका टीका लगाएं . . ये टीका वशीकरण का काम करता है . .
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 विशेष उपाय . . * नारियल, धतूरे के बीज, कपूर को पीस लें . . इसमें शहद मिलाएं . . नियमित इसका तिलक करने से जिसे आप प्यार करते हैं वह आपको कभी छोड़कर नहीं जाएगा . .
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होली . . को. .पूर्ण शालीनता और प्रेम पूर्वक मनाये . . .

Friday 25 January 2019

रुद्राक्ष

= अगर आपकी जन्मकुंडली में कोई ग्रह खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप उस ग्रह से सम्बंधित " रुद्राक्ष " धारण कर सकते है . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " सूर्य " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " एक मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपकी प्रतिष्ठा , आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी - साथ ही आपके आँखों की रोशनी भी बढ़ेगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " चन्द्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " दो मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन अच्छा रहेगा - तथा मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी -
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= अगर आपकी कुंडली में " मंगल " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " तीन मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपके पुरुषार्थ में बढ़ोतरी होगी - रक्त सम्बंधित बिमारियाँ दूर होंगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " बुध " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " चार मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका दिमाग तेज़ होगा - तथा वाणी में प्रखरता आयेगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " गुरु " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " पांच मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका मन धार्मिक कार्यो की और अग्रसर होगा - तथा अनावश्यक कष्टों से मुक्ति मिलेगी -
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=कुंडली में " शुक्र " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " छः मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपका वैवाहिक जीवन अच्छा होगा - रहन - सहन का स्तर उत्तम होगा - आर्थिक समृधि होगी . . .
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= अगर आपकी कुंडली में " शनि " खराब या कमज़ोर स्थिति में है - तो आप " सात मुखी रुद्राक्ष " धारण कर सकते है - जिससे आपको कमर दर्द - शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलेगी - अनावश्यक भय से मुक्ति मिलेगी . . .

Thursday 24 January 2019

छोटे - छोटे उपाय . . .


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= अगर पति - पत्नी में कलह रहता है . . . तो सोने से एक घंटा पहले बेडरूम में एक कपूर की टिकिया जलावे . . ऐसा 43 दिन लगातार करे . . .कलह समाप्त होकर प्रेम में वृद्धि होगी . . .
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= अगर आप की आवाज़ अच्छी नहीं है . . तो आज से ही गाय के दूध में शहद मिलाकर पीना शुरू करे . . .आवाज़ सुरीली हो जायेगी . . .
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= अगर आपको हमेशा तनाव रहता है . . तो प्रतिदिन सूर्योदय काल में 1 घंटा किसी धर्म स्थान के बरामदे में बैठना शुरू कर दे . .
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= अगर आपको बहुत गुस्सा आता है . . तो रात्रि को चांदी के ग्लास में पानी भरकर चांदी की प्लेट से ढककर सिरहाने रखे . . सुबह उठते ही उसे पी ले . . शीघ्र ही गुस्सा शांत होने लगेगा . .
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= अगर आपको सर्दी - जुकाम रहता है . . अस्थमा की शिकायत है . . तो रात्रि सोने से पहले भुनी हुई लौंग चबाकर खाए . . शीघ्र आराम मिलेगा . .
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= अगर आप चाहते है . . कि हमेशा आपका मन प्रसन्न रहे . . तो प्रत्येक सोमवार पारद शिवलिंग पर दूध चढ़ावे . . चन्दन का लेपन करे . .
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= अगर आपकी बहुत मनोकामना है . . और उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है . . तो अपने घर पर " अपराजिता " की बेल लगावे . . प्रतिदिन सुबह अगरबत्ती जलाकर " ॐ महालक्ष्मी वांछितार्थ पूरय पूरय नमः " मन्त्र की एक माला जाप करे . . आपकी मनोकामना पूरी होगी . .
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= अगर आपके व्यवसाय को नज़र लग गयी है तो शुक्रवार रात को पानी में सेंधा नमक घोल ले . . शनिवार सुबह उस पानी से व्यवसायिक स्थल पर पोंछा लगावे . . 11 शनिवार करे . . नज़र दूर हो जायेगी . . .
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= पैसा नहीं बचता है . . इसके लिए शमी के पेड़ की जड़ को लोहे के एक बॉक्स में बंद कर अपने लॉकर में रख लें. . ऐसा करने से आपके जो फालतू के खर्च हो रहे हैं, वो कम हो जाएंगे. और बचत होने लगेगी . धन लाभ भी होने लगेंगे . .
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Wednesday 9 January 2019

वास्तु

= मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्हों जैसे - ऊँ, स्वास्तिक का प्रयोग करना चाहिए . घर में मुख्य द्वार जैसे अन्य द्वार नहीं बनाने चाहिए तथा मुख्य द्वार को फल, पत्र, लता आदि के चित्रों से अलंकृत करना चाहिए . . मुख्य द्वार पर कभी भी वीभत्स चित्र इत्यादि नहीं लगाने चाहिए . .
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= बैठक कक्ष या ड्राइंग रूम : इस कक्ष में फर्नीचर, शो केस तथा अन्य भारी वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम या नैऋत्य में रखनी चाहिए . इस कक्ष में यदि कृत्रिम पानी का फव्वारा या अक्वेरियम रखना हो तो उसे उत्तर-पूर्व कोण में रखना चाहिए . . टीवी दक्षिण-पश्चिम या अग्नि कोण में रखा जा सकता है . . बैठक में ही मृत पूर्वजों के चित्र दक्षिण या पश्चिमी दीवार पर लगाना चाहिए . . इस कक्ष की दीवारों का हल्का नीला, आसमानी, पीला, क्रीम या हरे रंग का होना उत्तम होता है . .
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= शयन कक्ष : शयन कक्ष में कभी भी देवी-देवताओं या पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने चाहिए . . इस कक्ष में पलंग दक्षिणी दीवारों से सटा होना चाहिए . सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए . शयन कक्ष में सोते समय पैर दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए . शयन कक्ष में दर्पण नहीं होना चाहिए, इससे परस्पर कलह होता है . . इस कक्ष की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए . .
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= रसोईघर : रसोई गृह में भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए . बरतन, मसाले, राशन इत्यादि पश्चिम दिशा में रखने चाहिए . .बिजली के उपकरण दक्षिण-पूर्व में रखने चाहिए . जूठे बरतन तथा चूल्हे की स्लैब अलग होनी चाहिए। रसोईघर में दवाइयां नहीं रखनी चाहिए . . रसोईघर में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए . . यह हरा, पीला,क्रीम या गुलाबी रंग का हो सकता है . .
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= पूजाघर : घर में पूजा घर या पूजा का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए . पूजा घर में मूर्तियां या फोटो इस तरह से रखनी चाहिए कि वे आमने-सामने न हों . . मूर्तियां बारह अंगुल से अधिक ऊंची नहीं रखना चाहिए . . पूजा गृह शयन कक्ष में नहीं होना चाहिए . यदि शयनकक्ष में पूजा का स्थान बनाना मजबूरी हो तो वहां पर्दे की व्यवस्था करनी चाहिए . . पूजा गृह हेतु सफेद, हल्का पीला अथवा हल्का गुलाबी रंग शुभ होता है . .
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= स्नानगृह तथा शौचालय : स्नानगृह की आंतरिक व्यवस्था में नल को पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना चाहिए जिससे स्नान के समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो . स्नान घर में वॉश बेसिन ईशान या पूर्व में रखना चाहिए . . गीजर, स्विच बोर्ड आदि अग्नि कोण में होना चाहिए . . बाथटब इस प्रकार हो कि नहाते समय पैर दक्षिण दिशा में न हों . बाथरूम की दिवारों या टाइल्स का रंग हल्का नीला, आसमानी, सफेद या गुलाबी होना चाहिए . . शौचालय में व्यवस्था इस प्रकार हो कि शौच में बैठते समय मुख दक्षिण या पश्चिम में हो . .
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Friday 21 September 2018

SIGNIFICANCE & BENEFITS OF SHANK (CONCH SHELL) BLOWING

Shank comes from the two Sanskrit words "Shum" which means something good and "Kham" meaning water. Hence the meaning of Shankam is conch holding the sacred water. It is also said word Shankara was been derived from Sankha-kara which means conch-blower (shankha means conch and  Kara means  blower).

1.   When the conch is blown with controlled breath, the primordial sound of "Om" emanates from it. This eternal sound is the origin of all Vedas. All knowledge enshrined in the Vedas is an elaboration of the omnipresent sublime sound of Om. It was this sound that was chanted by the Lord before manifesting the cosmos. It represents the creation and the Truth behind it.

2.   The blowing of a conch shell enhances the positive psychological vibrations such as courage, determination, hope, optimism, willpower  and bliss can be felt by  all people assembled and also by the blower.
Subtle drawing of blowing of shankh

3. As soon as the Shank is blown the frequencies of divine energy (Shakti) are emitted into atmosphere due to sound generated.

These energy frequencies are seen in red colour. Along with these energy frequencies yellow circles of chaitanya are also projected in the atmosphere. You can also see the pink particles of Bliss being emitted in the atmosphere. This increases the proportion of shakti (energy), chaitan- ya and anand in the environment and that is why the negative energies get distressed and run away. Another speciality of Shank is that the vibrations emanating on blowing it destroys the disease causing germs in the atmosphere.  Renowned Scientist J.C. Bose has proved that the harmful invisible virus/insects are disappear by the sound produced by Conch Shell.
 
4. If a person holds a conch shell to his ear, the sound of the ocean humming gently can be heard. It is actually the natural vibration or cosmic energy of the earth that gets magnified on entering the conch shell. The moment Shank is blown our brain is emptied of all thoughts. Invariably we will enter state of Tran’s state where we are very receptive. This Trans state is the one with awareness. You are so occupied in mind that only way to awaken you is with a Shock.  The blowing of shank makes the atmosphere holy and pure and conducive for the spiritual growth of the individual.

5. Stammering children can be corrected of their speech by regularly blowing the shank.

6. It is believed that by  blowing conch shell regularly blockages in heart will go away and it also improves the respiratory system.

7. The following are the other benefits. Store some water in a conch overnight and next morning massage your skin with this water. This cures many skin diseases, rashes, allergies etc. It also cures ‘white spots on skin if process repeated for a month. 2. Store water overnight as above and in morning, add rose water to it. Wash your hair with this mixture. Natural colour of hair will restored within few days. 3. If you suffer from stomach pain, indigestion, laceration in the intestines, drink two spoons of this overnight shankh stored water.4. Dark Circles under eyes can be cured by gently rubbing with Conch for five minutes per day before sleep

8.  The conch shell is also used in Ayurveda Medicines. Its ash is commonly to treat menopause. The conch shell of consists of calcium, iron, and magnesium. It is well known in Ayurveda for its antacid and digestive properties.

Considering the importance God Vishnu, Goddess Saraswathi, Goddess Laxmi, God Krishna, God Balaji, God Ganesh always carry Couch Shell with them.